तूने आने में की जो देरी तो….(नई रिकार्डिंग)
मैं इल्जाम तुम्हें ही दूंगा,
मेरी दुनिया हुई अंधेरी तो।
ख़त्म होगी कभी ये फेरी तो।
करूँगा और इन्तज़ार अगर,
जान जाने लगेगी मेरी तो।
मैं इल्जाम तुम्हें ही दूंगा,
मेरी दुनिया हुई अंधेरी तो।
करूँगा और इन्तज़ार अगर,
जान जाने लगेगी मेरी तो।
आप कहते हैं हमसे ग़ज़ल छेड़िए, कब तलक हम ग़ज़ल यूं सुनाते रहें |
अपने खोए हुए यार की याद से, कब तलक गम की शम्मा जलाते रहें |
ज़िंदगी ने हसीं हमको धोखा दिया,
पहले हमको मुहब्बत का मौका दिया,
फिर जुदाई की तनहाइयां आ गयीं, जिनको हम महफ़िलों में छुपाते रहे……
मेरे दिल में है गम चेहरे पे हँसी,
आप समझेंगे क्या मेरी ये बेबसी,
आप समझेंगे इसको भी मेरी अदा, गाते-गाते जो हम मुस्कुराते रहे…..
हर्फ़ अश्कों के हैं सुर मेरी आह के,
आप कैसे सुनेंगे इन्हें चाह से,
रो पड़ा गाते-गाते आप क्या जाने क्यों, आप तो तालियाँ बस बजाते रहे…..
आओ देखें मुहब्बत का सपना |
एक डोर में बंधेंगें, प्यार हम-तुम करेंगें, एक छोटा-सा घर होगा अपना |
चाँदनी रात में छत पे सोये हुए,
एक दूजे की बाँहों में खोये हुए,
आँखों की पुतलियों की हसीं झील में,
अपनी परछाईयों को डुबोए हुए,
मीठी बातें करेंगें, मुलाकातें करेंगें,
पूरा होगा शब-ए-फुरकत का सपना…….आओ देखें मुहब्बत का सपना |
मिले ऐसे कि हम कभी बिछड़े नहीं,
बने तस्वीर ऐसे की बिगड़े नहीं,
प्यार से प्यार की है ये बगिया खिली,
प्यार का चमन कहीं उजड़े नहीं,
और क्या हम करेंगें, ये दुआ हम करेंगें,
कभी पड़े ना बिछड़ कर तड़पना……..आओ देखें मुहब्बत का सपना |
आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें……
कृपया आप मेरी बेटी का नया गीत सुनने का कष्ट करें…धीरे-धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना
अगर ऊपर यू ट्यूब में कोई समस्या हो तो इस रिकार्डिंग को आप यहाँ भी देख और सुन सकते हैं…
http://www.youtube.com/watch?v=bS5sHa4-rDg&feature=plcp
तूने आने में की जो देरी तो।
याद आने लगेगी तेरी तो।
मैं इल्जाम तुम्हें ही दूंगा,
मेरी दुनिया हुई अंधेरी तो।
ढूंढता हूँ तुझे मंजिल-मंजिल,
ख़त्म होगी कभी ये फेरी तो।
करूँगा और इन्तज़ार अगर,
जान जाने लगेगी मेरी तो।
आजकल फ़ायर फ़ाक्स में यू-ट्यूब काम नहीं कर रहा, इसलिये आप से ये अनुरोध है की आप इसे गूगल क्रोम में देखने का कष्ट करें….
अगर ऊपर यू ट्यूब में कोई समस्या हो तो इस रिकार्डिंग को आप यहाँ भी सुन सकते हैं…
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http://www.youtube.com/watch?v=FscljyX0bKw&feature=plcp
आजकल फ़ायर फ़ाक्स में यू-ट्यूब काम नहीं कर रहा, इसलिये आप से ये अनुरोध है की आप इसे गूगल क्रोम में देखने का कष्ट करें….
धीरेन्द्र जी की इच्छा है कि मैं आवाज़ के साथ-साथ वह रचना भी पोस्ट कर दूँ…तो लीजिए प्रस्तुत है गाई हुई उक्त रचना…
नाराजगी भी है तुमसे प्यार भी तो है ।
दिल तोड़ने वाले तू मेरा यार भी तो है ।
मुझे बेकरार कर गयी है ये तेरी बेरुखी,
और उसपे सितम ये तू ही करार भी तो है।
जब चाहता हूँ इतना तो क्यों ख़फ़ा न होऊं,
तेरे बिना मेरा जीना दुश्वार भी तो है ।
तुमसे ही मेरी जिन्दगी वीरान हुई है,
तुमसे ही जिन्दगी ये खुशगवार भी तो है।
दोनों के लुत्फ़ हैं यहां इस एक इश्क में,
कुछ जीत भी है इश्क में कुछ हार भी तो है।
वैसे तो मेरा दिल जरूर तुमसे ख़फ़ा है,
तुमको ही ढूंढता ये बार बार भी तो है ।
अब सोच रहा हूँ अपनी नई रचनायें भी ऐसे ही पोस्ट करूँ… आप का क्या ख़याल है….
ना कभी ऐसी कयामत करना।
यार बनकर तू दगा मत करना।
जब यकीं तुमपे कोई भी कर ले,
ना अमानत में ख़यानत करना।
दूसरों की नज़र न तुम देखो,
अपनी नज़रों में गिरा मत करना।
प्यार तुमको मिले जिससे यारों,
तुम कभी उससे जफ़ा मत करना।
वो जो दुश्मन तेरे अपनों का हो,
मिलना चाहे तो मिला मत करना।
जिसके दामन में तेरे आंसू गिरें,
तू कभी उसको ख़फ़ा मत करना।
भूलने वाले मुझे याद कर,भूलने वाले मुझे याद आ।
आ खयालों में मेरे तू आ,मुझको अपने खयालों में ला।
ये तनहाई है मेरी दुश्मन, ये तो तुमको भी सताती होगी;
मैं इधर जब तड़पता हूँ इतना,ये तुम्हें भी तड़पाती होगी;
पास आ तू मेरे पास आ,और तनहाइयों को भगा……..
अब है तुमको मेरी जरूरत, और तू है जरूरत मेरी;
मैं हूँ तेरे हाथ की लकीरें,और तू ही है किस्मत मेरी;
हाथ में हाथ आ तू रख दे और दोनों की किस्मत जगा……
मन से मन तो मिल ही चुके हैं,तन से तन भी आकर मिला ले;
ये मुहब्बत की दुनिया हो रौशन,ऐसी शम्मा तू आकर जला ले;
ये शरम, ये हया छोड़कर;मुझको अपने गले तू लगा……….
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