आप सभी को होली की शुभकामनाएं…
भयवश नहीं परिस्थितिवश मैं करता हूँ सब काम।
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम…….।
सुबह अगर बीबी सोई हो, चाय बनाना ही होगा;
बनी चाय जब पीने को तब उसे जगाना ही होगा;
चाय बनाना शौक है मेरा हो सुबह या शाम…….
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम…….।
मूड नहीं अच्छा बीबी का फ़िर पति का फ़र्ज है क्या;
बना ही लेंगे खाना भी हम आखिर इसमें हर्ज है क्या;
इसी तरह अपनी बीबी को देता हूँ आराम…..
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम…….।
वो मेरी अर्धांगिनी है इसमें कोई क्या शक है;
इसीलिये तनख्वाह पे मेरे केवल उसका ही हक है;
मेरा काम कमाना है बस खर्चा उसका काम…..
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम…….।
आप सभी को होली की शुभकामनाएं…
Comments on: "हास्यकविता/ जोरू का गुलाम" (22)
होली की हार्दिक शुभकामनाऐं गुलाम को भी बेगम को भी बादशाह को भी और इक्के को भी होली रंगरंगीली हो 🙂
सुंदर रचना…रंगों से सराबोर होली की शुभकामनायें…
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन होली की हार्दिक मंगलकामनाएँ – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
बहुत खूब…हास्य रंग यूँ ही बरसता रहे…होली की हार्दिक शुभकामनाएँ…
बहुत खूब बहुत खूब
nice post
happy holi sir…:-)
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति…!
सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाए ….
RECENT पोस्ट – रंग रंगीली होली आई.
बहुत सुन्दर
होली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
new post: … कि आज होली है !
कुछ तो लोग कहेंगे .. लोगों का काम है कहना .. वैसे सब यही करते हैं … हा हा ..
आपको और परिवार में सभी को होली कि मंगल कामनाएं …
बहुत सुंदर रचना…. होली की शुभकामनाएं ….
बहुत सुन्दर प्रस्तुति . होली की शुभकामनायें
रंगीन होली/HAPPY HOLI.
बहुत सुंदर.
होली कि शुभकामनाएँ !
होली के अवसर पर अच्छी हास्य-व्यंग्य भरी कविता । शुभकामनाएं ।
bahut bahut shubhkamnayein
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
विशुद्ध हास्य रस के रंगों से सरोबार रचना ….बहुत बढ़िया..होली की शुभ कामनाएं
सुन्दर हास्यव्यंग
Happy holi. thanks for a good poem.
बहुत सुन्दर रचना…
बहुत ख़ूब!
प्रशंसनीय प्रस्तुति । आप क़लम के धनी हैं ।